मदिरा
मदिरा मादक पेय है ,रखे सदा यह ध्यान।
भूल गया पीकर मनुज ,करना भी सम्मान।।०१।।
हाला मिलती हर जगह ,बैठ सभी पी जाय।
मधुशाला में आ गए,साकी मदिरा लाय।।०२।।
भुला दिया है आज फिर, श्रम संकट संताप
सबक़ बड़ा तुम सीख लो ,कहता आज प्रताप।।०३।।
:- प्रताप