मदिरा सवैया
मदिरा सवैया
भावत रीति पुनीत जिसे वह मानुष संत स्वभाव सदा।
जो सबके प्रति पावन चिंतक है अधिमान प्रभाव सदा।
साहस से शुभ कर्म करे यह वृत्ति सदा फलदायक है।
मानस में प्रिय कृत्य जहां वह चित्त सदा वरदायक है।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।