मदलेखा छंद
राधा के गिरधारी,मीरा के बनवारी !
मेरी भी सुध लेना,पीड़ाएं हर लेना !
मैं भी राह निहारूँ ,ले ले नाम पुकारूँ !
आओ मोहन आओ,नैया पार लगाओ !
रमेश शर्मा.
राधा के गिरधारी,मीरा के बनवारी !
मेरी भी सुध लेना,पीड़ाएं हर लेना !
मैं भी राह निहारूँ ,ले ले नाम पुकारूँ !
आओ मोहन आओ,नैया पार लगाओ !
रमेश शर्मा.