मदमाते मौसम का
मदमाते मौसम का प्रिय अनुबन्ध बनो
बरखा-झूला-कजरी का सम्बन्ध बनो
मैं सावन की मस्त घटा बन कर बरसूँ
तुम प्यासी धरती की सोंधी गन्ध बनो
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’
मदमाते मौसम का प्रिय अनुबन्ध बनो
बरखा-झूला-कजरी का सम्बन्ध बनो
मैं सावन की मस्त घटा बन कर बरसूँ
तुम प्यासी धरती की सोंधी गन्ध बनो
©️ शैलेन्द्र ‘असीम’