मत याद करो बीते पल को
मत याद करो बीते पल को ,
बीता पल होता दुखदायी |
सुखद अतीत को याद किया ,
मन में पीड़ा भर आयी |
नहीं आज वह पास हमारे,
अन्तर्मन में कोहराम मचा ,
बैठे माथे पर हाथ धरे ,
वक्त तो जैसे वहीं थमा |
रोया मन, सोचा जो सुखद था,
क्यों इतनी जल्दी बीत गया |
सुख-दुख, दिन-रात समान ही होते ,
बारी-बारी से आते हैं ,
सब दिन नहीं होते एक समान, उठो,
जागो हे मनु संतान !
करो कठिन कर्म,
ले अतीत से सीख यही ,
जब सुख न रहा,
तो दुख भी भला क्यों ठहरेगा |
भूत सुनहरा था यदि,
तो उसे आज में बदल डालो ,
अगर जमीं थी कालुष उस पर,
तो उसको भी धो डालो |
जो भी है, बस आज अभी है,
इस पल को तुम जी डालो
आज अभी का हर पल प्यारे,
कल हो जाएगा अतीत ,
चाहे तो, हो उन्मुक्त, गगन को छू लो,
चाहे तो रो कर जी लो ,
यादें सिर्फ बनेगा यह पल,
जैसा चाहो, वैसा जी लो ,
मत याद करो अपने अतीत को,
बस आज अभी खुलकर जी लो|
बस आज अभी खुलकर जी लो,
बस आज अभी नीरा भार्ग