मत मन को कर तू उदास
मत मन को कर तू उदास।
मत हो ऐसे तू निराश।।
ले शिक्षा तू चींटी से।
मत हो ऐसे तू हताश।।
मत मन को तू ———————–।।
किसी से आशा क्या करना।
मेहनत की पूजा तू करना।।
बहेगा जब पसीना यार।
बहेगा खुशियों का झरना।।
मत मन को कर ——————-।।
खुदा की नेमत है जिंदगी।
बहुत अनमोल है जिंदगी।।
बुराई से इसको बचा तू।
दिखाती है राह भी जिंदगी।।
मत मन को कर ——————–।।
उनसे अब क्या मतलब तुमको।
देते नहीं जो इज्जत तुझको।।
पूछा नहीं कभी हाल तुम्हारा।
मिलेगी मंजिल तेरी तुझको।।
मत मन को कर ———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)