मत छेड़ ____ तुझे चाहूं __ मुक्तक
मुक्तक
मत छेड़ मत छेड़ ऐसे मत छेड़ मुझे।
छेड़ने से दिल में तो आग लग जाएगी।।
बदन जलेगा सारा मेरा ही नहीं तुम्हारा।
ऐसे में तो मेरे यारा,प्यास जग जाएगी।।
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तुझे चाहूं तुझे चाहूं, दिन रात तुझे चाहूं।
चाहत तेरी तो मुझे, हर पल भाए रे।
याद फरियाद करूं, इंतजार तेरा करूं।
ठोर ठोर फिरा करूं, काहे तू न आए रे।।
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राजेश व्यास अनुनय