Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

मत करो हमसे यह परदा

मत करो हमसे यह परदा, सच कभी छुपता नहीं।
कह दो हमसे अपनी हकीकत, परदा यह अच्छा नहीं।।
मत करो हमसे यह परदा——————–।।

हम तो कुछ भी नहीं कहेंगे, औरों को चुप कैसे करोगे।
आखिर कब तक सच्चाई से, तुम ऐसे बचते रहोगे।।
होगी फजीहत आपकी, राज कभी छुपता नहीं।
मत करो हमसे यह परदा——————-।।

दिख रहे हैं आज आप, उम्दा हसीं महफ़िल का नूर।
पाया है आपने यह नसीब, करके किस मय का सरूर।।
मत करो हमपे यह वहम, यह शक हमपे अच्छा नहीं।
मत करो हमसे यह परदा——————-।।

कर रहे हो किसके दम पर, आप मौज आज यहाँ।
किसने अपना लहू बहाया, आपको है खबर कहाँ।।
मत करो खुद पर अहम, यह गरूर अच्छा नहीं।
मत करो हमसे यह परदा——————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
20 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*दो नैन-नशीले नशियाये*
*दो नैन-नशीले नशियाये*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब किनारे दिखाई देते हैं !
जब किनारे दिखाई देते हैं !
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
Dr arun kumar shastri
Dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
अधर मौन थे, मौन मुखर था...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
Sonam Puneet Dubey
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द.............
Awadhesh Kumar Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
ଶତ୍ରୁ
ଶତ୍ରୁ
Otteri Selvakumar
प्यार की लौ
प्यार की लौ
Surinder blackpen
नीला ग्रह है बहुत ही खास
नीला ग्रह है बहुत ही खास
Buddha Prakash
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत कीमती है पानी,
बहुत कीमती है पानी,
Anil Mishra Prahari
4721.*पूर्णिका*
4721.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
दस्तरखान बिछा दो यादों का जानां
Shweta Soni
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
Rj Anand Prajapati
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
गंगा घाट
गंगा घाट
Preeti Sharma Aseem
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
#प्रभात_वंदन (श्री चरण में)
*प्रणय*
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
राम हमारे श्याम तुम्हारे
राम हमारे श्याम तुम्हारे
विशाल शुक्ल
#𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
#𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
बहुत कुछ सीखना ,
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
ruby kumari
तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार ये मुमकिन नहीं,
तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार ये मुमकिन नहीं,
पूर्वार्थ
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
जाकर वहाँ मैं क्या करुँगा
gurudeenverma198
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
इंसान बहुत सोच समझकर मुक़ाबला करता है!
Ajit Kumar "Karn"
*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
*याद रखें वह क्रूर परिस्थिति, जिस कारण पाकिस्तान बना (दो राध
Ravi Prakash
Loading...