मत करना तू मुझ पर भरोसा
मत करना तू मुझ पर भरोसा, मैं वफ़ा यहाँ किसी से नहीं।
मत करना इंतजार तू मेरा, मैं यहाँ दीवाना किसी का नहीं।।
मत करना तू मुझ पर भरोसा————————-।।
मैं हूँ हवा का एक झौंका, किस वक़्त मैं आ जाऊँ।
मैं हूँ गगन का एक बादल, किस वक़्त मैं बरस जाऊँ।।
मत करना इसरार तू मेरा, मैं यहाँ कैद किसी में नहीं।
मत करना तू मुझ पर भरोसा——————–।।
मुझको यहाँ चाहिए, धन- दौलत और महल।
मौज मस्ती जीवन में, मुझको यहाँ हर पल।।
मत करना उम्मीद तू मुझसे, मुझको मोहब्बत तुमसे नहीं।
मत करना तू मुझ पर भरोसा———————–।।
मैं यहाँ पर हूँ परदेसी, घर नहीं है यहाँ मेरा।
आज यहाँ है ठिकाना, होगा कहाँ कल सवेरा।।
मेरे लिए तू नहीं तड़पना, साथ तुम्हारा दे सकता नहीं।
मत करना तू मुझ पर भरोसा———————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)