मत्त सवैया छन्द
मत्त सवैया छन्द
32 मात्राएं 16, 16
कर में दो पुष्प साथ लेके, हम अर्पित करने आये हैं।
वो वीर जवान शहीद हुआ, दो अश्रु चढ़ाने आये हैं।।
है वो सुपुत्र इस माता का, जिसने बेटे को जनम दिया।
मैं नमन करूँ इस माता को, जिसने निज सुत बलिदान किया।।
सरहद पर अधिक दुश्मनों से, सैनिक ने लड़ी लड़ाई है।
कितनो को मार गिराया पर, ख़ुद अपनी जान गंवाई है।।
मेरा भी खून खौलता है, सुन वीर जवान शहादत को।
भर्ती न मिली लंबाई कम, घर रहता लिखता कविता को।।
अभिनव मिश्र” अदम्य