Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2022 · 1 min read

मतिभ्रम

जिस व्यक्ति ने रेत के टीलों से होकर यात्रा नहीं की है, उसके लिए हर जगह हरे-भरे चरागाह हैं।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 292 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
ज़िन्दगी,
ज़िन्दगी,
Santosh Shrivastava
समय बदल रहा है..
समय बदल रहा है..
ओनिका सेतिया 'अनु '
"एक शोर है"
Lohit Tamta
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr Shweta sood
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
राखी
राखी
Shashi kala vyas
प्रेम में डूब जाने वाले,
प्रेम में डूब जाने वाले,
Buddha Prakash
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
मरा नहीं हूं इसीलिए अभी भी जिंदा हूं ,
Manju sagar
नारदीं भी हैं
नारदीं भी हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
बाबा साहब अंबेडकर का अधूरा न्याय
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डिप्रेशन कोई मज़ाक नहीं है मेरे दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अमर शहीद भगत सुखदेव राजगुरू
अमर शहीद भगत सुखदेव राजगुरू
Satish Srijan
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
कौन करता है आजकल जज्बाती इश्क,
डी. के. निवातिया
कुडा/ करकट का संदेश
कुडा/ करकट का संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
आसान नहीं होता...
आसान नहीं होता...
Dr. Seema Varma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"लायक़" लोग अतीत की
*Author प्रणय प्रभात*
काल भले ही खा गया, तुमको पुष्पा-श्याम
काल भले ही खा गया, तुमको पुष्पा-श्याम
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
कोशिश करना आगे बढ़ना
कोशिश करना आगे बढ़ना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सौंदर्यबोध
सौंदर्यबोध
Prakash Chandra
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
ऐसा तूफान उत्पन्न हुआ कि लो मैं फँस गई,
Sukoon
Loading...