मतलबी लोग मतलबी दुनिया। तुझसे उम्मीद इतनी थी दुनिया। पास ज़र हो तो सारे अपने हैं। वरना लगती है अजनबी दुनिया। सबके रंजो आलम की बाइस है। किसको देती है यह खुशी दुनिया
मतलबी लोग मतलबी दुनिया।
तुझसे उम्मीद इतनी थी दुनिया।
पास ज़र हो तो सारे अपने हैं।
वरना लगती है अजनबी दुनिया।
सबके रंजो आलम की बाइस है।
किसको देती है यह खुशी दुनिया।
तेरा रस्ता अलग मेरा रस्ता।
तेरी दुनिया अलग मेरी दुनिया।
एक पल का नहीं भरोसा है।
फिर भी उम्मीद से भरी दुनिया।
नफरते छोड़ो प्यार फैलाओ।
हर तरफ हो सजी हुई दुनिया।
“सगीर” जितनी बुरी कहे हैं सब।
सच में उतनी नही बुरी दुनिया।