मतलबी मानव
मतलबी मानव दिखावट में करे परमार्थ जग में।
छल कपट मन में भरा है देखता निज स्वार्थ जग में।
कर रहा है आचरण का आकलन श्री राम से, पर
हो नहीं सकता किसी का राम सा पुरुषार्थ जग में।
अभिनव मिश्र अदम्य
मतलबी मानव दिखावट में करे परमार्थ जग में।
छल कपट मन में भरा है देखता निज स्वार्थ जग में।
कर रहा है आचरण का आकलन श्री राम से, पर
हो नहीं सकता किसी का राम सा पुरुषार्थ जग में।
अभिनव मिश्र अदम्य