मझधार
कुछ हालात का कसूर होता है ,
और कुछ किस्मत की नाफरमानियां।
तभी तो इंसानी जिंदगियों की ,
मझधार में आकर डूब जाती हैं कश्तियां ।
कुछ हालात का कसूर होता है ,
और कुछ किस्मत की नाफरमानियां।
तभी तो इंसानी जिंदगियों की ,
मझधार में आकर डूब जाती हैं कश्तियां ।