*मजा मिलता कहॉं अन्यत्र, जो मेलों में मिलता है (मुक्तक)*
मजा मिलता कहॉं अन्यत्र, जो मेलों में मिलता है (मुक्तक)
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मजा मिलता कहॉं अन्यत्र, जो मेलों में मिलता है
कहॉं फिर सुख मिला बचपन में, जो खेलों में मिलता है
भ्रमण करना हुआ यद्यपि, सरल अपनी ही कारों से
मगर आनंद बस की भीड़ में रेलों में मिलता है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451