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30 Mar 2022 · 1 min read

मज़हब के रंग मे तूं मत रंग

मज़हब के रंग मे तूं मत रंग?इंसानियत के रंग मे तू रंग जा.
कितनी भी दुशमनी हो कारीगर, इक बार फिर तू दोस्त बन जा.
शायर©किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
144 Views
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