मज़दूर सभा में
ये ठंढ़ी के महीना में!
आग लागल बा सीना में!!
मुफ़्तखोर के औलाद नाहीं,
मेहनतकश के संतान हईं
हम तअ जाएब मज़दूर सभा
तू जा काशी या मदीना में!!
दम धरअ तनी दम धरअ
हमनी से अत तनी कम करअ
देखी दुनिया कि ज़ोर बा केतना
हमनी के ख़ून पसीना में!!
#जनवादीगीतकार #BhojpuriGeetkar