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1 Aug 2021 · 1 min read

मजबूर

✒️?जीवन की पाठशाला ??️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सदियों से ही लोग चेहरे पर नकाब लेकर चलते हैं -आज नकाब की परतें कुछ बढ़ गईं हैं ,बाहर से आपसे -आपकी तरक्की से बड़े खुश और अंदर से सुलग सुलग कर जल रहे होते हैं लोग …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ना तो जिंदगी इंसान के हाथ में है और ना ही वो मौत को बस में कर पाया है फिर भी ना जाने क्यों इंसान किस नशे -अहंकार में अपने को खुदा से कम नहीं आंकता …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इस दिखावटी -झूटी -दोहरे चेहरे वाली दुनियादारी में उस इंसान की कदर बिलकुल नहीं होती जो दिल से आपको आगे बढ़ता हुआ देखना चाहता है बल्कि कदर उस व्यक्ति की होती है जो आपके गलत को भी सही कहता हुआ उससे ज्यादा हितेषी और प्यार करने वाला कोई नहीं है का दिखावा करता है …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की कोई भी व्यक्ति रातों रात नहीं बदल जाता ,जीवन की इस दौड़ में वक़्त की गर्दिश में रुक कर वो कुछ ऐसी असलियतों को समझ लेता है जो उसे बदलने पर मजबूर कर देती हैं …!

बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान
?? विकास शर्मा “शिवाया”?
???
⚛️?☸️??

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 206 Views
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