मजदूर दिवस
जोखिम उठाकर संवारते हैं हमारी ज़िदगानी,
अपने श्रम की रोशनी से लिखते हैं हमारी कहानी।
समझते अहमियत …ना बुझने देते सड़क पर लगी बत्तियों को ,
तुम्हारी मेहनत और ज़ज्बे का अरु है नहीं कोई सानी।
✍️©अरुणा डोगरा शर्मा
जोखिम उठाकर संवारते हैं हमारी ज़िदगानी,
अपने श्रम की रोशनी से लिखते हैं हमारी कहानी।
समझते अहमियत …ना बुझने देते सड़क पर लगी बत्तियों को ,
तुम्हारी मेहनत और ज़ज्बे का अरु है नहीं कोई सानी।
✍️©अरुणा डोगरा शर्मा