मजदूर की मजबूरी
साल 2020 कोरोना का आतंक हमारा देश भारत 3 वर्गों में बंटा है अमीर वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब वर्ग जिसमें गरीब वर्ग या तो कृषि कार्य में लगा है या फिर दूसरे प्रदेशों में जाकर मजदूरी कर रहा है और वह मजदूर कितना मजबूर है कि ऐसी भयानक महामारी मे अपने गांव वापस आना चाहता है जहां सरकार विदेशों से अमीर वर्ग को लाने में करोड़ों खर्च कर रही है वही मजदूर की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। भारत देश में कोरोना महामारी में जितने भी लोग इस वायरस से मरे हैं उससे कहीं ज्यादा भूख और दुर्घटना में भारतीय मजदूरों की मृत्यु हुई है । रेल दुर्घटना में मरे मजदूरों का दृश्य देखकर हृदय विचलित हो उठा । भगवान उन श्रमिकों की आत्मा को शांति दे तथा मुझे उन लोगों से बड़ी नफरत हो रही है जो इन मजदूरों को इस विपत्ति के समय में अपने यहांआश्रय नहीं दे पाए क्या फायदा उनकी अमीरी का, उनके बड़े-बड़े इमारतों का,
उनके बड़े-बड़े नाम का।
धिक्कार है धिक्कार है धिक्कार है।