मकर संक्रांति
✒️जीवन ?की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे “संक्रांति” कहा जाता है। इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को “मकर संक्रांति” के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं, आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है, अंधकार का नाश व प्रकाश का आगमन होता है।
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा की पूजा की जाती है। उनके लिए व्रत रखा जाता है और दिन भर श्रद्धा के अनुसार दान दिया जाता है। इस दिन सूर्य के उत्तरायण होता है इसलिए इन सब चीजों का महत्व और बढ़ जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन तीर्थ या गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की यह दिन बड़ा पावन माना जाता है क्योंकि इस दिन से खरमास का अंत होता है, जिससे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है।
आखिर में एक ही बात समझ आई की मकर संक्रान्ति भारत का प्रमुख पर्व है। मकर संक्रांति पूरे भारत और नेपाल में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। वर्तमान शताब्दी में यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है, इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है। तमिलनाडु में इसे पोंगल नामक उत्सव के रूप में मनाते हैं जबकि कर्नाटक, केरल तथा आंध्र प्रदेश में इसे केवल संक्रांति ही कहते हैं। मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं।14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर(जाता हुआ) होता है। इसी लिऐ ,उतरायण, (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। ऐसा इस लिए होता है, की पृथ्वी का झुकाव हर 6,6माह तक निरंतर उतर ओर 6माह दक्षिण कीओर बदलता रहता है। ओर यह प्राकृतिक प्रक्रिया है। उत्तरायण भी इसी दिन होता है।
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?