!!** मंज़र **!!
मंज़र
****
लहरों सी बुलन्दी हो तो अम्बर पास लगता है,
नज़ारा खूबसूरत हो तो मंज़र खास लगता है,
वक्त है अब क़ातिलाना हर तरफ कोहराम है,
हैं सभी ग़मगीन हर कोई उदास लगता है।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव
मंज़र
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लहरों सी बुलन्दी हो तो अम्बर पास लगता है,
नज़ारा खूबसूरत हो तो मंज़र खास लगता है,
वक्त है अब क़ातिलाना हर तरफ कोहराम है,
हैं सभी ग़मगीन हर कोई उदास लगता है।
दीपक “दीप” श्रीवास्तव