मंहगाई
******* मंहगाई (कुंडलियां) ********
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बुरी नीति सरकार की,भूखे मरते लोग।
दाने – दाने को फिरे,लगा भुखमरी रोग।
लगा भुखमरी रोग,भयजनक बीमारी।
मंहगाई घनी – घोर, जनता गई हारी।
पाँच साल है मजबूर,करो खास हुजूरी।
भरते नेता निज जेब,नीति-नियत है बुरी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)