मंजिल
मंजिल तक पहुंचने के लिए हमें उन रास्तों की तलाश है,
जो पूरे करने हैं हमें ख्वाब आज उन ख्वाबों की तलाश है,
चल पड़े कदम हमारे उस राह पर जहाँ कुछ न अपना है,
दुनिया की भीड़ में खोज रहे हैं हमें अपनों की तलाश है,
ख्वाहिशें जो पाली हमने ,उन ख्वाहिशों को पूरा करना है,
मंजिल को खबर भी नहीं हमें किन ख्वाहिशों की तलाश है,
मंजिल को पाने के लिए सफर में कितनी रुकावटें मिली हमें,
उन रुकावटों को पार कर आगे बढ़ना ही किस्मत की बात है,
चलते हुए राहों में कदम थक गए पर हौसला कम नहीं हुआ,
मिल जाएगी मंजिल बस यहाँ पर हमें उन हौसलों की तलाश है,
अब हम बन गए हैं कठोर चट्टान, पर्वतों से लड़ना सीख लिया,
चढ़ना है ऊंचे शिखर पर अब तो हमें उन पर्वतों की तलाश है,
आगे बढ़ते हुए एक नया जोश ,एक नया उत्साह मन में भर रहा
आज एक नया संकल्प लिए हमें उस नए उत्साह की तलाश है,
सोनी गुप्ता