Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2023 · 1 min read

मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,

मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
चले बिना राहों में।
संघर्ष करना पड़ता है ,
दिन रात जमानों में।
गिरकर उठना – उठकर गिरना,
फितरत है जमाने की।
बार – बार उठकर चलने की जज्बा है,
जमाने को बताने की।
…..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

373 Views

You may also like these posts

सच तो यही हैं।
सच तो यही हैं।
Neeraj Agarwal
मैं भी तो प्रधानपति
मैं भी तो प्रधानपति
Sudhir srivastava
कागज़ की आज़ादी
कागज़ की आज़ादी
Shekhar Chandra Mitra
23/120.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/120.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आतंक, आत्मा और बलिदान
आतंक, आत्मा और बलिदान
Suryakant Dwivedi
बस्ता
बस्ता
sushil sharma
#नींव के पत्थर
#नींव के पत्थर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
पर्यावरण
पर्यावरण
Rambali Mishra
संघर्षों का सत्य ( sangharshon ka Satya)
संघर्षों का सत्य ( sangharshon ka Satya)
Shekhar Deshmukh
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
पूर्वार्थ
सूरवीर
सूरवीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हम साथ- साथ हैं
हम साथ- साथ हैं
Usha Gupta
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
जगत कंटक बिच भी अपनी वाह है |
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चंचल मन***चंचल मन***
चंचल मन***चंचल मन***
Dinesh Kumar Gangwar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
हुआ दमन से पार
हुआ दमन से पार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
सुनीलानंद महंत
उम्मीदें कातिलाना होती हैं
उम्मीदें कातिलाना होती हैं
Chitra Bisht
पहली मुलाकात ❤️
पहली मुलाकात ❤️
Vivek Sharma Visha
बिल्ली की तो हुई सगाई
बिल्ली की तो हुई सगाई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
Divya kumari
तो क्या करता
तो क्या करता
Vivek Pandey
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
तकनीकी की दुनिया में संवेदना
Dr. Vaishali Verma
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
टमाटर के
टमाटर के
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...