Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Dec 2023 · 1 min read

मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,

मंजिल यू‌ँ ही नहीं मिल जाती,
चले बिना राहों में।
संघर्ष करना पड़ता है ,
दिन रात जमानों में।
गिरकर उठना – उठकर गिरना,
फितरत है जमाने की।
बार – बार उठकर चलने की जज्बा है,
जमाने को बताने की।
…..✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
धर्म खतरे में है.. का अर्थ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
राख देख  शमशान  में, मनवा  करे सवाल।
राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल।
गुमनाम 'बाबा'
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
Sex in itself has no meaning. It’s what we make of it. Our s
पूर्वार्थ
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
कभी पलट कर जो देख लेती हो,
Ajit Kumar "Karn"
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
Neelam Sharma
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
तुम अपने माता से,
तुम अपने माता से,
Bindesh kumar jha
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
बेटी को पंख के साथ डंक भी दो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
■ आज का शेर...।।
■ आज का शेर...।।
*प्रणय*
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे हमसफ़र 💗💗🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Seema gupta,Alwar
जुगनूओं से कह दो, रात बड़ी बामशक्कत गुजरेगी,
जुगनूओं से कह दो, रात बड़ी बामशक्कत गुजरेगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फितरत आपकी जैसी भी हो
फितरत आपकी जैसी भी हो
Arjun Bhaskar
मायावी लोक
मायावी लोक
Dr. Rajeev Jain
मानव जीवन की बन यह पहचान
मानव जीवन की बन यह पहचान
भरत कुमार सोलंकी
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
Keshav kishor Kumar
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
25- 🌸-तलाश 🌸
25- 🌸-तलाश 🌸
Mahima shukla
वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नवम्बर की सर्दी
नवम्बर की सर्दी
Dr fauzia Naseem shad
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
Sunil Maheshwari
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
“उलझे हुये फेसबूक”
“उलझे हुये फेसबूक”
DrLakshman Jha Parimal
खेल और राजनीती
खेल और राजनीती
'अशांत' शेखर
कोलाहल
कोलाहल
Bodhisatva kastooriya
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
Loading...