मंजिल और कीमत
जिंदगी को रौशन करने के लिए
पहले स्वयं को जलाना पड़ता है,
धीरज लाख टूटे पर
हिम्मत और हौसले
को बचाना पड़ता है।
सुख के पल होते क्षणिक
और मुश्किल को
गले लगाना पड़ता है,
मंजिल यूं ही
नहीं मिलती यारों
पहले कीमत चुकाना पड़ता है।
जिंदगी को रौशन करने के लिए
पहले स्वयं को जलाना पड़ता है,
धीरज लाख टूटे पर
हिम्मत और हौसले
को बचाना पड़ता है।
सुख के पल होते क्षणिक
और मुश्किल को
गले लगाना पड़ता है,
मंजिल यूं ही
नहीं मिलती यारों
पहले कीमत चुकाना पड़ता है।