***** मंजिलें मेरे कदमों तले ******
मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां
आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां
मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है
काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती तो बोलो कहां।।
?मधुप बैरागी
मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां
आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां
मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है
काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती तो बोलो कहां।।
?मधुप बैरागी