मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता ह
मंज़िल पाने के लिए जिंदगी का ज़हर भी घुंट बनाकर पीना पड़ता है,
लफ्ज़ों को संभाल कर हर एक कदमों को मिलाकर चलना पड़ता है,
रास्तों में तुम्हें बहुत से जख्म मिलेंगे और बहुत से दर्द मिलेंगे,
लेकिन कोई सहारा नहीं देगा बस तुम्हें खुद का साथ मिलेगा पर कोई दूसरा नहीं मिलेगा…..