दर्द देकर मौहब्बत में मुस्कुराता है कोई।
मेरे अधरों पर जो कहानी है,
एहसास ए तपिश क्या होती है
काँच और पत्थर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
" यहाँ कई बेताज हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
#और चमत्कार हो गया !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जिस तरह से आत्मा बिना शरीर के कोई भी कार्य सिद्ध नहीं कर सकत
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
तुम जो रूठे किनारा मिलेगा कहां
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
लगे चेहरा मुझे तेरा कसम से ईद का चंदा।
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi (1941-81)