भ्रष्ट नेता चतुर नायिका
भ्रष्ट नेता चतुर नायिका
रूपक,उपमा अलंकार, घनाक्षरी छंद
नेताजी ने कहा खुशहाल कर दूंगा तुझे,
पूरे परिवार की गरीबी भी मिटाऊंगा।
छोटे भाई को लगा दूं सरकारी नौकरी मे,
बड़े भाई को विशेष ठेका दिलवाऊंगा।
माता-पिता मजे से बुढ़ापा काटे घर बैठे,
प्लेन में बिठा के तुझे भारत घुमाऊंगा ।
बस एक बार मुझे रूप का पिला दे सूप,
सुख के झूले में सदा सुंदरी झुलाऊंगा ।
करूं मैं समर्पण तुम्हारे आगे कैसे बोलो,
तुम बात-बात में व्यापारी जैसे लगते ।
चाल से तो चतुर शिकारी जैसे लगते हो,
वासना की भूख के भिखारी जैसे लगते ।
शब्दजाल में तुम्हारे फंसने वाली नहीं मैं,
बाप की उमर के पुजारी जैसे लगते ।
तन से तो ब्रह्मचारी अटलबिहारी लगो,
मन से तो एन डी तिवारी जैसे लगते ।
गुरु सक्सेना नरसिंहपुर मध्य प्रदेश