भ्रष्टाचार
सरकारों ने घोषणा कर दी, अब देश में भ्रष्टाचार न होगा।
रिश्वत कोई नहीं मागेगा, बिना लिये कोई कार न होगा।
संस्थायें सभी हम बेचेगे, जनता को अधिकार न होगा।
भूखे नंगे सभी मरेगे, करने को रोज़गार न होगा।
जाति धर्म पर मूर्ख बनेगे, जीने का आधार न होगा।
कारोबार सभी ठप होगे, किसी का कोई व्यापार न होगा।
गाये पढेंगी स्कूलों में, बच्चा कोई होशियार न होगा।
बहिन बेटियां कितनी बोले, उनसे सद् व्यवहार न होगा।
जो समझेगे हमको अपना, उनका बेडा़ पार न होगा।
दोस्त हमारे दो ही अच्छे, और कोई सरदार न होगा।
हश्र मिटा देगे भारत का, कोई पहरेदार न होगा।
बेच जायेगे संसद को भी ,कोई चौकीदार न होगा।
सरकारों ने घोषणा कर दी, अब देश मे भ्रष्टाचार न होगा।
रिश्वत कोई नही मागेगा, बिना लिये कोई कार न होगा।