** भ्रमित कर रहा कान्हा **
25.8. 16 दोपहर13.25
कैसे भ्रमित कर रहा कान्हा देखो
जन्मदाता के हाथों-कान्हा देखो
देखो कैसे मुदित हो रहा जगदाता
त्राता भाग्यविधाता कान्हा देखो ।।
?,मधुप बैरागी
ग़मज़दा हम हैं जिनके ग़म से
उनके मनसूबे ना पूछो हमसे
वो कत्ल करते तब भी अच्छा
ग़म तो इस बात का है हमको
उसने जिन्दा भी रखा तो ऐसे
अब ना जीते हैं ना मरते हैं
बस मौत अपने आगोश में
ले ले मुझको दुआ करते हैं
?मधुप बैरागी
मैं वो मजमूं ढूंढता हूं
जिस पर वो निसार हो
मैं वो राह ढूंढता हूं
जो बेमिसाल हो
मैं ढूंढता हूं उसको जिसकी
नजरें ढूंढती है मुझको ।।
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?मधुप बैरागी