मौसम तो मदहोश करे…(मत्तगयंद सवैया)
मौसम तो मदहोश करे…(मत्तगयंद सवैया)
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मौसम तो मदहोश करे उस पे यह नैन बड़े कजरारे,
काजल से शरमाय रहे अब सावन के उमड़े बदरा रे,
चंचल चाल हरे चित को हम आज तुझे दिल देकर हारे,
भौंह कमान न छोड़त जान कि कातिल कौन यहाँ तुमसा रे।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ०९/०२/२०२१