Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2018 · 1 min read

भोला भाला बचपन

भोला भाला कितना बचपन
होता निश्चल कोमल सा मन

रिमझिम रिमझिम बरखा आई
बच्चों पर मस्ती सी छाई
केले के पत्ते से कितनी
छतरी भी क्या खूब बनाई
भीग गया पर थोड़ा सा तन
भोला भाला कितना बचपन

कंधे पर बस्ता है भारी
भरी किताबें कितनी सारी
भीग गया बस्ता बारिश में
पर मुस्कान खिली है प्यारी
मन मे नहीं जरा है उलझन
भोला भाला कितना बचपन

मम्मी देख पुस्तकें गीली
हुई क्रोध में नीली पीली
मगर हो गई फिर चिंता में
तबियत देख जरा सी ढीली
माँ बिन जीवन कैसा जीवन
भोला भाला कितना बचपन

13-07-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
753 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
स्वयं में ईश्वर को देखना ध्यान है,
Suneel Pushkarna
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
■मौजूदा दौर में...■
■मौजूदा दौर में...■
*प्रणय प्रभात*
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आज के इस स्वार्थी युग में...
आज के इस स्वार्थी युग में...
Ajit Kumar "Karn"
ध्रुव तारा
ध्रुव तारा
Bodhisatva kastooriya
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
4111.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
वो इश्क़ अपना छुपा रहा था
Monika Arora
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
Suryakant Dwivedi
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
‌everytime I see you I get the adrenaline rush of romance an
Chaahat
मुक्तक – रिश्ते नाते
मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
बिन चाहें तेरे गले का हार क्यों बनना
Keshav kishor Kumar
.हिदायत
.हिदायत
shabina. Naaz
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
🌳वृक्ष की संवेदना🌳
Dr. Vaishali Verma
पूस की रात।
पूस की रात।
Anil Mishra Prahari
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
रात
रात
sushil sarna
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
वो सुहाने दिन
वो सुहाने दिन
Aman Sinha
मेरी भी कहानी कुछ अजीब है....!
मेरी भी कहानी कुछ अजीब है....!
singh kunwar sarvendra vikram
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
मेरी हास्य कविताएं अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
Loading...