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31 Dec 2023 · 1 min read

भोर होने से पहले …..

भोर होने से पहले …

वाह
कितनी अज़ीब बात है
सौदा हो गया
महक का
गुल खिलने से
पहले

सज गयी सेजें
सौदागरों की आँखों में
शब् घिरने से
पहले

बंट गया जिस्म
हैवानियत की
चौख़ट पर
टुकड़ों में
भर गए ख़ार
गुलशन के दामन में
बहार आने से
पहले

वाह
इंसानियत के लिबास में
हैवानियत
कहकहे लगाती है
रोज मरती है
जिन्दगी
दलालों की मण्डी में
जीने से पहले

सुशील सरना/31-12-23

3 Comments · 240 Views

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