Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2024 · 1 min read

“भोर की आस” हिन्दी ग़ज़ल

सिलसिला गुफ़्तगू का, कुछ तो, चलाते रहिए,
प्रीत की, पेँग भी, हर रोज़, बढ़ाते रहिए।

होँगी काफ़ूर, शिद्दतेँ भी, सोज़-ए-दिल की,
सुनें उनकी, तो कुछ, अपनी भी, सुनाते रहिए।

कोई कर दे, कभी मेघों से गुज़ारिश मेरी,
आसमां पे, बिना मौसम के भी छाते रहिए।

भूल जाना भी, हसीनों की इक अदा ठहरी,
उनको हौले से कभी, याद दिलाते रहिए।

इश्क़े-जज़्बात, ख़ुदकुशी न कहीं कर बैठें,
खाद-पानी भी कभी, उनको पिलाते रहिए।

सुना है, वक़्त, हरेक चीज़, बदल देता है,
दिल मिले या न मिले, हाथ मिलाते रहिए।

उज़्र है, आपको जो, रूबरू आने से, मेरे,
कम से कम,स्वप्न मेँ,हर शब को तो आते रहिए।

शमा की लौ भले, मद्धिम सी हुई जाती है,
भोर होने को है, “आशा” तो, जगाते रहिए..!

काफ़ूर # ग़ायब होना, to disappear
शिद्दतेँ # तीव्रता, गहराई आदि, severity, depth etc.
सोज़-ए-दिल # दिल का दर्द, agony of heart
उज़्र # एतराज, objection
शब # रात, night

Language: Hindi
6 Likes · 7 Comments · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all
You may also like:
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
काबिल बने जो गाँव में
काबिल बने जो गाँव में
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
"आदमी "
Dr. Kishan tandon kranti
नवरात्रि (नवदुर्गा)
नवरात्रि (नवदुर्गा)
surenderpal vaidya
थोड़ी-थोड़ी बदमाशी करती रहनी चाहिए,
थोड़ी-थोड़ी बदमाशी करती रहनी चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (नौंवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
जीवन दर्शन मेरी नज़र से. .
Satya Prakash Sharma
हम भी अपनी नज़र में
हम भी अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
आंखें
आंखें
Ghanshyam Poddar
खटाखट नोट छापो तुम
खटाखट नोट छापो तुम
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
माॅं
माॅं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3321.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कितने शब्द हैं
कितने शब्द हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
राही
राही
Neeraj Agarwal
अगर पुरुष नारी में अपनी प्रेमिका न ढूंढे और उसके शरीर की चाह
अगर पुरुष नारी में अपनी प्रेमिका न ढूंढे और उसके शरीर की चाह
Ranjeet kumar patre
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
स
*प्रणय*
तुझे किस बात ला गुमान है
तुझे किस बात ला गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
जी तो हमारा भी चाहता है ,
जी तो हमारा भी चाहता है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
संसार एवं संस्कृति
संसार एवं संस्कृति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
प्रभु की लीला प्रभु जाने, या जाने करतार l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
कुंडलिया ....
कुंडलिया ....
sushil sarna
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
“आखिर मैं उदास क्यूँ हूँ?
DrLakshman Jha Parimal
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
आज़ाद हूं मैं
आज़ाद हूं मैं
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Loading...