भोजपुरी मुक्तक
भोजपुरी मुक्तक
काल आइल अकड़ सब हवा हो गइल।
एक दूजे से दूरी दवा हो गइल।
जे विधाता बने के जुगत में रहे-
आज पहिले पहर अलविदा हो गइल।।
पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा मंशानगर
पश्चिमी चम्पारण
बिहार
भोजपुरी मुक्तक
काल आइल अकड़ सब हवा हो गइल।
एक दूजे से दूरी दवा हो गइल।
जे विधाता बने के जुगत में रहे-
आज पहिले पहर अलविदा हो गइल।।
पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’
मुसहरवा मंशानगर
पश्चिमी चम्पारण
बिहार