भोजपुरी गजल
भोजपुरी गज़ल
काँट पर पाँव नंगा चलावल कठिन
साँच बतिया सभा में सुनावल कठिन
चोर से जेब कटला से बँचि जा भले
पर सिपहियन से रुपिया बँचावल कठिन
गैर से बा प्रतिष्ठा मिलत हर जगह
आज सम्मान घरहीं में पावल कठिन
खुद के रक्षा कुकर्मिन से नारी कले
आज साधू से इज्जत बँचावल कठिन
नेक लोगन के चलते बँचल देश बा
भ्रष्टचरियन से भारत बँचावल कठिन
चोर बहरी के अवधू रहित तब मरित
चोर घरहीं के बा तब मुआवल कठिन
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर9918854285
दि.03-08-2024