भोजकाजी मनेजर (हास्य कटाक्ष)
बसहा बड़द पर बैसल बाबा बज़बड़ाइत रहै जे एहने कहूं मनेजर भेलैइए? एतेक दाबी त पैंजाब आ स्टेट बैंक वला के नै देखलियै रूपैया छोड़बै काल? एकरा सब के त बैंको वला मनेजर स बेसी दाबी भऽ गेलै. इ सब गाम घर मे रहैए तेकर माने की भोज काज मे मनमाना करै जाएत? से नहि चलअ देबै आब? बाबा तामसे अघोर भेल बजैत दमसल चलि जाइत रहै.
रस्ता मे बाबा भेंट भेलैथ त हम हाल चाल पूछली की समाचार यौ बाबा? बाबा बजलै अंगोरा धधकल्हा. हौ कारीगर तंहू की हमर मन अघोर करै पर उतारू भेल छह? तोरा मीडिया वला सब के त एहने ख़बैर मे मोन रमकल रहै छह की आ लगले ब्रेकिंग न्यूज बना दै छहक. पहिने एक जूम तमाकुल खुआबह त कहै छिअह?
बाबा कतबो तामस मे रहौ की मोन अघोर रहै त तइयो कारीगर भेंट होइ त मोन हलूक आ तामस कम जरूर भऽ जाइ की.
आब ब्रेकिंग न्यूज़ बनेबा लोभ मे बाबा के तमाकुल बना के खुएलहुँ? फेर बाबा के पुछली जे कि सब होल कैले खिसियाएले रहली ग. तमाकुल खाइत मातर बाबा पूरा घटनाक्रम एकसूरे कहअ लगलै. हौ कारीगर की कहियअ काल्हि एकटा सराधि भोज खाई लै गेल रही. छौंड़ा मारेर सब बारिक रहै त रमकल फिरै? कोनो पता मे देलकै किछो कोनो छूटियो गेल.
फुँसियाहिक हो हो बेसी होइत रहै. भोजकाजी मनैजर झूठो के बारिक छौंड़ा सब पर दमसै जे सब पता दिसी सब किछो परस, बेरा बेरी घूम. असल मे त ओइ मनेजरे के सिखाउल विद्या रहै जे मूँहे कान देख पता मे परसै जंहियै आ दौगल फिरिहें. आ ठीक सैह होइत रहलै. हम बाबा के पुछलौंह जे अंहा पांत दिस अहगर के रसगुल्ला अएल रहै की ने? बाबा फेर तमतमाइत बजलाह जे एक आध बेर लालमोहन एक बेर रसगुल्ला एलै. आ दोहरबै लै कहलियै त छौंड़ा सब कहलक जे बाबा आब त दही चिन्नी उठि गेलै? तोंही कहअ त केना तामस ने उठत?
एना कहूं करब भेलैए भोजकाजी मनेजर सबके जे अपना चिन्हा परिचे वला गिरोह दिसी सब किछो दोहरा तेहरा दै छै. कतेक खेबो करै छै आ चोरा के लोटो मे भरि लअ जाइए? आ जेकरा चिन्हा परिचे ने तेकरा पता दिसी बेर निबदी धअ लेतह की? ओहिना जेना बैंक मे रूपैया छोड़ेबा काल बैंक वला कहतअ जे लिंक फेल तहिना इ भोजकाजी मनेजर सब भांज पूरबै मे रहतह की? सराध होउ एहेन भोजकाजी मनेजर सबहक?
लेखक- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)