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15 Nov 2023 · 1 min read

भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से

भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
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सात समंदर पार से प्यारी बहना आई दूर से,
भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से।

रोली चावल से थाल सजा ले हाथों में मिठाई,
हिय में है छिपा प्रेम जताने बहना आई दूर से।

सुंदर-सुंदर उपहार भी वो लाई अपने साथ में,
मधु बीती यादें याद दिलाने बहना आई दूर से।

सोना चाँदी नहीं मांगती ना मांगे उपहार कोई,
खुशियों से भरने है खजाने बहना आई दूर से।

माँ बापू के आँगन में बचपन बीता प्यारा सा,
भीनी मिट्टी की ख़ुशबू पाने बहना आई दूर से।

खुद से प्यारे भाई को छू ना पाये हवा गरमाई,
बुरी नजरें लगी वो मिटाने बहना आई दूर से।

सुख-समृद्धि भरपूर हो मंगलमय जीवन सारा,
शुभाशीष खुशहाली लाने बहना आई दूर से।

प्रीत प्रेम की डोर से बंधे बहन भाई के रिश्ते,
टूटे न वैर – विरोध में बताने बहना आई दूर से।

मनसीरत गम घर छोड़कर सुख लाई साथ में,
भैया – दूज प्रकाश फैलाने बहना आई दूर से।
***********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

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