*भैंस क्या हैं *
?? भैंस क्या है ??
एक बहुत पुरानी बात है जब सिकंदर महान (एलकोंडर) यूनान का सम्राट था। वह भारत देश को अपने अधिन करना चाहता था । परंतु वह यह भी जानता था कि भारत पर विजय प्राप्त करना कोई आसान बात नही है। वह जानता था कि भारत में रहने वाले बहुत फुर्तीले ओर चुस्त है। फिर भी उसने अपने मन की बात अपने धम॔ गुरु ‘अस्तू’ को बताई। उसने गुरु से कहां भारत पर विजय प्राप्त करने का कोई हल बताओ । धम॔ गुरु अस्तू ने उसे आश्वासन दिया की समय आने पर वह हल बता देगें।
एक बार अस्तू एक राह पर चल रहे थे, तब उन्होंने देखा की एक भैंस गंदगी से भरे हुए तालाब में बैठी थी। बाद में वह भैंस तालाब से उठकर चल पड़ी, धम॔ गुरु अस्तू ने गौर किया की भैंस ने अपने शरीर पर लगी हुयी गंदगी साफ करने की कोशिश नहीं की, जब की हर जानवर यही गंदगी से उठता है तो वह अपने शरीर को जोर से हिलाता है तांकि उसके शरीर पर लगी हुयी गंदगी हट जाये । परंतु भैंस ने ऐसा कुछ नहीं किया, अस्तू को सिकंदर के लिए हल मिल गया, उसने सोचा की यदि इस जानवर को भारत भेज दिया जाये तो भारतवासी इसका दुध पियेगे तो वह भैंस के शरीर जैसे भारी भरकम हो जायेगे , उनकी चुस्ती फुर्ती गायब हो जायेगी, उनका दिमाग भी भैंस जैसा हो जायेगा । उसने सिकंदर से कहां की भारत पर चढ़ाई करने के पूर्व इस जानवर को वहां भेज दो । तब सिकंदर ने अनगिनत भैंसें भारत भेजी थी। इसी बात का प्रणाम हमे आयुर्वेद में गाय का दुध का ही प्रयोग बताया है , भैंस के दुध का नहीं। दुसरा प्रणाम हमें महाभारत से मिलता है, जब श्रीकृष्ण पहली बार हस्तिनापुर पधारते है तो राजा धृतराष्ट्र श्रीकृष्ण को एक गाय भेट स्वरूप देते हैं।
आज भी हमारा दिमाग भी भैंस जैसा हो गया है। हमें भैंस के समान कीचड़ चिपककर रखना अच्छा लग रहा है। हमें आपसी दुश्मनी भूलकर मानवता अपनाकर, उॅच नीच न करकर , भारतीयता अपनाकर बहुमूल्य जीवन शान से जीना है। नहीं तो भैंस रूपी भारत में आकर सबका दिमाग भैंस जैसा हो जायेगा। और कोई भी आ जाएगा और हमारे भारत देश पर चढ़ाई करेगा। इसलिए मेहनत ही अपना धम॔, जो मेहनत से बचे देश सेवा को दे और हमारे वीर जवानों को दे । दंगे, सांप्रदायिक राजनीति से दूर रहे। झूठे, भ्रष्टाचारी व चुनाव के बाद गायब हो जाते उने जवाब मांगें।