भेजूंगा मैं जेल
दिया दिखाई आजकल, उनसे उनका मेल ।
कहते थे जिनको कभी,. ..भेजूंगा मैं जेल ।
भेजूंगा मैं जेल, …..उन्ही से हाथ मिलाया ।
सत्ता का दे लोभ , स्वार्थ का जाम पिलाया।
कह रमेश कविराय,.रेवड़ी मुफ्त खिलाई ।
कैसा नटवरलाल, सभी को दिया दिखाई ।।
रमेश शर्मा