भूल
भूल
भूल चूक लेनी देनी में।
भूल सदा मन की पेनी में।
किससे भूल नहीं होती है?
किससे चूक नहीं होती है??
भूल चूक ही विद्यालय है।
आत्म ज्ञान का शिव आलय है।।
भूल मनुज को स्वयं सुधारे।
सावधान हो मनुज विचारे।।
गलती का अहसास सिखाता।
मानव को प्रिय राह दिखाता।।
गलती करके भूल न जाना।
संशोधन कर पंथ बनाना।।
भूलभुलैया यह जीवन है।
इसमें खोया रहता मन है।।
बड़े धैर्य से चलना सीखो।
नहीं भूलवश रहना सीखो।।
अच्छी बातेँ कभी न भूलो।
पढ़ शिव ग्रंथ हमेशा फ़ूलो।।
जो सत्संगति करता रहता।
नहीं भूल वह मन से करता।।
भूल न जाना शिव शंकर को।
कभी न भूलो परमेश्वर को।।
भूल न जाना सत शिव सुन्दर।
परम दिव्य ये मूल्य धरोहर।।
मन में हो कल्याण भावना।
भूल न जाना शिष्ट कामना।।
अच्छी बातों को जो भूले।
वह फंदे पर हरदम झूले।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।