भूल जा वह जो कल किया
भूल जा वह कल जो किया, माना कि प्यार तुमको किया।
लेकिन अब वो बातें हैं बीती, दिल अब मैंने बदल लिया।।
भूल जा वह कल जो किया—————–।।
बहुत है इस दुनिया में, जिंदगी जीने के तरीकें।
तुमसे ज्यादा काबिल है, उनके महल और झरोखें।।
तुमको मनाया जब मैंने, तुमने दिखाया अभिमान।
अब तो तेरी दर से कदम, अपना मैंने मोड़ लिया।।
भूल जा वह कल जो किया—————।।
बहुत बचें हैं आँखों में ख्वाब, मेरे हंसने के लिए।
संग संग मेरे चलकर, मुझको पार लगाने के लिए।।
तुमने तो बदनाम किया है, देकर मुझको धोखा।
इसीलिए चेहरा तेरा अब, मैंने दिल से भूला दिया।।
भूल जा वह कल जो किया—————-।।
मैं क्यों तेरे खातिर,अपना यह चमन बर्बाद करुँ।
मैं क्यों तुम्हारे लिए,अपना यह वतन बर्बाद करुँ।।
दिल में नहीं तेरी इज्जत, तुमको मैंने मिटा दिया।
तुमसे भी अच्छा नसीब अब, मैंने अपना बना लिया।।
भूल जा वह कल जो किया—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)