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27 Aug 2022 · 1 min read

भूल कर

मेरी साँसों की तू ज़मानत है ।
भूल कर तुझको कैसे जी लेंगे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
6 Likes · 160 Views
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