भूमिका
जीवन रूपी पुस्तक की
भूमिका बदल जाती है
तब
जब आगे के अध्याय में
चरित्र स्वतः
लेखक के विचार से
काफी दूर होकर
परिवर्तित
होने लगते हैं।
**अनिल मिश्र,प्रकाशित
जीवन रूपी पुस्तक की
भूमिका बदल जाती है
तब
जब आगे के अध्याय में
चरित्र स्वतः
लेखक के विचार से
काफी दूर होकर
परिवर्तित
होने लगते हैं।
**अनिल मिश्र,प्रकाशित