Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jan 2022 · 2 min read

भूमिका/ समीक्षा – ‘कथाचक्र’-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

भूमिका/ समीक्षा …….. ‘कथाचक्र’
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’

मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में एक बहुत छोटे से गाँव ‘देवीनगर‘, वरिष्ठ कवि श्री भगवत नारायण रामायणी जी एक श्रेष्ठ कथा वाचक है। धर्म ग्रंथों एवं वेदों पर उनका गहन अध्ययन, मनन एवं चिंतन है। मानस पर तो वे घंटों बहुत ही सुंदर प्रवचन देते है। इनता सूक्ष्म और गहन विशलेषण करते है कि सुनने वाला मंत्रमुग्ध हो जाता है। वे जब कथा सुनाते है तो श्रोत्रा आनंद के सागर अथाह सागर में परमानंद की डुबकी लगाकर असीम सुख व शांति की अनुभूति करना है।
मानस से खोज-खोज नये-नये प्रसंग सुनाना इनकी प्रमुख विशेषता है। इनके ज्ञान के अथाह सागर में से कुछ मनके इस पुस्तक में आपके समक्ष रखे गये है। निश्चित ही आपको परमानंद की प्राप्ति करयेंगे। इसमें प्रकाशित प्रत्येक खण्ड अपने आप में अदभुद् है। इसमें दिये गये सूत्र और दृष्ताटांत पढ़ने के आनंद को दोगुना कर देते है।
हाल ही में टीकमगढ़ जिले से राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के संपादन में प्रकाशित साहित्यिक पत्रिका आकांक्षा’ के सन् 2020 अंक-15 में श्री भगवत नारायण ‘रामायणी’ जी पर केन्द्रित 16 पेजों में विशेष परिष्टि भी प्रकाशित हुआ है जिसे पाठकों ने बहुत पसंद किया गया है। जिसमें अहंकार पर केन्द्रित उनके प्रवचन का कुछ अंश प्रकाशित किये गये हैं जो कि बहुत ही प्रेरणादयक है। भगवान श्री राम जी एवं भगवान शंकर जी पर केन्द्रित उनके संक्षिप्त में कुछ प्रवचनों को अंश भी बहुत श्रेष्ठ है जिसे पढ़कर पाठक भक्ति के रस में डूब जाएँगे तथा अपने मन को शांत करके ईश्वर की आराधना में लगाएँगे।
श्री रामयणी जी के कण्ठ में निश्चित ही माँ सरस्वती जी का वास है। माता की उनकी पर विशेष कृपा है। एम.ए हिन्दी से करने के बाद शिक्षक के रूप में बच्चों को शिक्षित करते रहे। अब सेवानिवृत होने पर बड़े-बूढ़ों और जनमानस को भी संस्कारित करने के उद्देश्य से आध्यत्मिक ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाने का काम अपने प्रवचनों एवं कथा वाचन के माध्यम से कर रहे है। आयु के अंंितम चरण में धन-दौलत, लोभ लालच को त्यागकर अपने मन को ईश्वर के ध्यान,साधना में लगाये हुए हैं और लोगों में अध्यात्म के प्रति आस्था का दीप जगाये हुए है उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए उन्हें ईश्वर की भक्ति और साधना करने के लिए प्रेरित करने में सदा लगे रहते है।
निश्चित ही श्री रामायणी जी कि यह कृति अध्यात्म और मानस पर रूचि रखने वालों के लिए एक अनमोल तोहफा है। इस बार-बार पढ़ने को मन करेगा और जितनी भी बार पाठक इसे पढ़ेगें उतनी ही वार एक नया अनुभव और आनंद मिलेगा।
आज के युग में जनमानस खासकर युवा पीढ़ी भक्ति और अध्यात्म से दूर होती जा रही है ऐसे में यह पुस्तक इन भटके हुए लोगों के लिए मार्गदर्शन और उनमें एक नयी सोच और जोश का संचार करने में सहायक होगी।
‘जय श्री राम, जय हनुमान’
आपका……..
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
जिलाध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र,टीकमगढ़
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog – rajeevranalidhori.blogspot.com

222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
वफा से वफादारो को पहचानो
वफा से वफादारो को पहचानो
goutam shaw
“बदलते भारत की तस्वीर”
“बदलते भारत की तस्वीर”
पंकज कुमार कर्ण
कैसी
कैसी
manjula chauhan
"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
आहत बता गयी जमीर
आहत बता गयी जमीर
भरत कुमार सोलंकी
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
Shyam Sundar Subramanian
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
ताश के महल अब हम बनाते नहीं
Er. Sanjay Shrivastava
पिता
पिता
Raju Gajbhiye
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क
Sanjay ' शून्य'
👌कही/अनकही👌
👌कही/अनकही👌
*Author प्रणय प्रभात*
दम तोड़ते अहसास।
दम तोड़ते अहसास।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
Mahender Singh
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
जीवन में जब विश्वास मर जाता है तो समझ लीजिए
प्रेमदास वसु सुरेखा
ज़िंदगी मो'तबर
ज़िंदगी मो'तबर
Dr fauzia Naseem shad
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
बस इतनी सी अभिलाषा मेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
मुश्किलों से हरगिज़ ना घबराना *श
Neeraj Agarwal
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
Shweta Soni
हथेली पर जो
हथेली पर जो
लक्ष्मी सिंह
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं देखा....🖤
नहीं देखा....🖤
Srishty Bansal
4. गुलिस्तान
4. गुलिस्तान
Rajeev Dutta
शेखर ✍️
शेखर ✍️
शेखर सिंह
ये जिन्दगी तुम्हारी
ये जिन्दगी तुम्हारी
VINOD CHAUHAN
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
3265.*पूर्णिका*
3265.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
Loading...