Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

भूख

भूख
••••
ये
भूख
कराती
अपराध
धर्म-अधर्म
बनता दनुज
है निकृष्ट मनुज।
••••
है
ज्ञान
अथाह
क्षुधापूर्ति
नहीं संभव
बिना परिश्रम
करो मिटेंगे भ्रम।
••••
ना
भूख
देखती
दिन-रात
लगती सदा
है अनोखी अदा
देखना तो इसकी।
••••
है
छाया
संकट
महामारी
काम चौपट
भूखे बिलखते
नहीं सोते हैं बच्चे।
••••
हैं
रूप
विविध
तामसिक
तन मन धन
इसकी पूर्ति में
अंधा बहरा मन।
••••
जो
दिखे
क्षुधित
हो मुदित
देना भोजन
यही सद्कर्म
है सर्वोपरि धर्म।
••••
हाँ
अच्छी
पुस्तकें
मानसिक
क्षुधा हरती
देती वरदान
बढ़े प्रचुर ज्ञान।
••••
ये
भूख
पेट की
करे त्रस्त
रखती व्यस्त
सदा करे काम
नहीं करे विश्राम।
••••
ये
भूख
लगती
बराबर
राजा-रंक को
नहीं करे भेद
मिटाती मनभेद।
~~~~~~~~~~~~~~~
डा० भारती वर्मा बौड़ाई

1 Like · 57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Bharati Varma Bourai
View all
You may also like:
अयोध्या
अयोध्या
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
विकास सैनी The Poet
उहे समय बा ।
उहे समय बा ।
Otteri Selvakumar
जहां विश्वास है वहां प्रेम है जहां मोह है वहां क्रोध है, हमे
जहां विश्वास है वहां प्रेम है जहां मोह है वहां क्रोध है, हमे
Ravikesh Jha
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
Tushar Jagawat
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
मेरा तेरा जो प्यार है किसको खबर है आज तक।
सत्य कुमार प्रेमी
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
फागुन की अंगड़ाई
फागुन की अंगड़ाई
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"विडम्बना"
Dr. Kishan tandon kranti
होली
होली
Neelam Sharma
छाता
छाता
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कॉफ़ी हो या शाम.......
कॉफ़ी हो या शाम.......
shabina. Naaz
पीछे मुड़कर
पीछे मुड़कर
Davina Amar Thakral
💐 शब्दाजंलि
💐 शब्दाजंलि
*प्रणय*
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
पहली बारिश
पहली बारिश
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
एक ही तारनहारा
एक ही तारनहारा
Satish Srijan
3776.💐 *पूर्णिका* 💐
3776.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नई सोच नया विचार
नई सोच नया विचार
कृष्णकांत गुर्जर
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
सबसे कम
सबसे कम
©️ दामिनी नारायण सिंह
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
Rj Anand Prajapati
*आवागमन के साधन*
*आवागमन के साधन*
Dushyant Kumar
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
एक लड़का,
एक लड़का,
हिमांशु Kulshrestha
शैव्या की सुनो पुकार🙏
शैव्या की सुनो पुकार🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...