भूख: पाँच दोहे
भूख: पाँच दोहे
// दिनेश एल० “जैहिंद”
भोजन संग भूख मरे, ___ भूख मारना पाप ।
साँच कहूँ भोजन बिना, भजन करो क्या आप ।।
जैसे धरती सत्य है, ___वैसे सच है भूख ।
जेवन बिनु ये वृक्ष भी, जाए जड़ से सूख ।।
कौर-कौर से प्रान हैं, छिपे कौर में प्रान ।
जैसे भूख इधर मरे, ____ वैसे छूटे जान ।।
भूख के साथ त्रास भी, __ मिले हमें उपहार ।
चूक न करना भूलवश, भगवन का उपकार ।।
काम-क्रोध-मद-लोभ है, इस जीवन की नियति ।
कौन-सी जगह है जहाँ, ___मिले भूख से मुक्ति ।।
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दिनेश एल० “जैहिंद”
17. 11. 2017