भूखा देश भरी सरकार
यहाँ बच्चों की थाली हो रही आँसू से गीली है।
वहाँ सरकार ने खुद कान पर लँगोट सिली है
चिहुँकता हूँ जो सुन दाम आलू प्याज लेसुन के
बड़े सरकार कहते हैं बगावत की ये तीली है
भूख से सूख कर काँटा हुई धन्नो की महतारी
कहे सरकार स्लिमबॉडी तेरी लगती छबीली है
टके का शेर भर खाते है छप्पनभोग संसद में
मगर मेरी गैस सब्सिडी पे आँखे लाल पीली हैं
वोट जो मांगने आए थे शराफत के वो पुतले थे
कमी उनमें नही शायद ए पार्लियामेंट नशीली है
हमारी कंट्री अब तो 5 ट्रिलियन छू रही होगी
भूखायी कड़ाही से कह रही भूखी पतीली है
योगी योगेन्द्र